बैठक में पूरी तैयारी के साथ आए अधिकारी-सांसद श्री सिंह बैठक फोल्डर सात दिवस पूर्व उपलब्ध कराएं-सांसद श्री भार्गव, दिशा की बैठक सम्पन्न हुई

विदिशा


जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक संसदीय क्षेत्र सागर के सांसद श्री राजबहादुर सिंह की अध्यक्षता में आज आहूत की गई थी। 
    सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने जिलाधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि बैठक में तमाम जानकारियों सहित मौजूद हो ताकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा चाही जाने वाली जानकारियां अधिकारी त्वरित हाजिर जबाव ना दें। उन्होंने पिछली बैठक का पालन प्रतिवेदन संबंधित विभागों के द्वारा उपलब्ध नही कराए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए भविष्य में इस प्रकार की पुनर्रावृत्ति ना हो का विशेष ध्यान रखने हेतु कलेक्टर को समीक्षा पूर्व अवलोकन करने की सलाह दी है। 
    विदिशा सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने कहा कि बैठक एजेण्डा ही नही वरन् सम्पूर्ण फोल्डर समिति के सदस्यगणों के लिए कम से कम एक सप्ताह पूर्व उपलब्ध कराया जाए ताकि सदस्यगण अध्ययन करने के उपरांत उन कमियों की ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करा सकें जो विकास कार्यो में अवरूद्व हो रही र्है।
    जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई उक्त बैठक में विधायक सर्वश्री शशांक भार्गव, श्री हरिसिंह सप्रे, श्रीमती लीना जैन और श्रीमती राजश्री सिंह ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्य खासकर सड़को के निर्माण कार्यो को प्रमुखता से रेखांकित किया है वही जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने सदस्यों के सुझावों पर अमल कर जिले के विकास में अधिकारी अपने उच्च कुशलता को प्रदर्शित करें की अपेक्षा व्यक्त की।  
    बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत जिले में क्रियान्वित करने वाली ऐजेन्सी पीआईयू एक एवं दो के माध्यम से क्रियान्वित सड़को के निर्माण कार्यो के साथ-साथ पूर्व निर्मित सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में जानकारियां प्रस्तुत की गई। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन एक के महाप्रबंधक श्री केके चौरे ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत जिले के चार विकासखण्ड, लटेरी, नटेरन, सिरोंज एवं विदिशा का कार्यक्षेत्र शामिल है। प्रथम चरण के तहत इन विकासखण्डों में कुल 197 मार्ग स्वीकृत किए गए थे इन मार्गो की कुल लम्बाई 768.97 किलोमीटर है। जिसमें से अब तक 190 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है शेष आठ निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण नही करने पर दस प्रतिशत पेनाल्टी चार निर्माण ऐजेन्सी पर आरोपित किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण में कुल चार मार्ग स्वीकृत किए गए है जो प्रगतिरत है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-ब्रिज कार्य के तहत स्वीकृत सभी दस कार्य प्रगतिरत है। स्टेट कनेक्टिविटी अंतर्गत कुल 11 मार्ग स्वीकृत किए गए थे जिसमें से दस मार्ग पूर्ण किए जा चुके है। एमपीआरसीपी अंतर्गत कुल 126 मार्ग स्वीकृत है जिसमें से 95 मार्ग ही पूर्ण हुए है। सात मार्गो पर अपग्रेडेशन कार्य स्वीकृत किया गया है जिसमें से पांच कार्य पूर्ण किए जा चुके है। मंडी एवं पंचायतनिधि से कुल आठ मार्ग स्वीकृत किए गए है जो सभी प्रगतिरत है। 
    प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तृतीय चरण तहत डीआरआरपी में कुल 690 मार्ग शामिल है। इसी प्रकार परियोजना क्रियान्वयन इकाई दो अंतर्गत बासौदा, ग्यारसपुर, कुरवाई विकासखण्ड क्षेत्र में कार्य किए जा रहे है। यहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 174 स्वीकृत मार्गो में से 168 पूर्ण किए जा चुके है शेष छह कार्य समयावधि में पूरा नही होने के कारण संबंधित ठेकेदारों पर दस प्रतिशत पेनाल्टी आरोपित की गई है। इसी प्रकार परियोजना के अंतर्गत सम्पादित विभिन्न उपबंधों के तहत सड़कों के निर्माण कार्यो की जानकारी प्रस्तुत की गई। 
    लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री के द्वारा विभागीय क्रियान्वित सड़को की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया गया। इसी प्रकार की कार्यवाही मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (आरडीसी) के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया है। उक्त बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एवं ग्रामीण के तहत निर्मित किए गए आवासों के संबंध में तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की प्रगति से संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा जानकारियां प्रस्तुत की गई और सदस्यगणों द्वारा चाही गई जानकारियां प्रस्तुत गई।
    कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में अनुपस्थित एमपीआरडीसी के डिवीजनल इंजीनियर श्री पवन अरोरा को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। वही लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया गया है कि विधायकों की अनुसरण परीक्षण भ्रमण समिति का सदस्य नियुक्त किया गया किन्तु गठित समिति के सदस्यों का अब तक भ्रमण नही कराया गया है और ना ही सड़को के गुणवत्ता परीक्षण से अवगत कराने हेतु किसी भी प्रकार के प्रबंध सुनिश्चित नही किए गए है। उपरोक्त कार्य शीघ्रतिशीघ्र सम्पादित करने के निर्देश दिए है। 
    कलेक्टर श्री सिंह ने सभी अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाए कि समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा जो जनहितैषी सुझाव दिए गए है का अक्षरशः अनुसरण कर समय सीमा में पालन करना सुनिश्चित करेंं। 
    जिला पंचायत के सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में समिति के सभी सम्माननीय सदस्यगणों के अलावा जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।