रेलवे फाटक बंद होने से वाहनों की लगी कतारें। दो साल से तैयार रखे सीसी ब्लाक अंडरब्रिज के लिए दो साल से तीन...
दो साल से तैयार रखे सीसी ब्लाक
अंडरब्रिज के लिए दो साल से तीन रेलवे ट्रैकों के सीसी ब्लाक बने रखे हुए हैं। इसके अतिरिक्त मेन ट्रैक में फंसने वाली तीनों गार्डर कैंचियां तैयार रखी हैं। ठेकेदार की दो क्रेन जून से मौके पर खड़ी हुई हैं। उसे वर्क आर्डर मिलने का इंतजार है। लेकिन अब तक वर्क आर्डर नहीं दिया गया। इससे काम शुरू नहीं हो पाया।
मरम्मत के अभाव में यह पूरी सड़क गड्ढों में बदल चुकी, धूल के उड़ते हैं गुबार
किसानों और व्यापारियों की समस्या को देखते हुए। पूर्व में त्योंदा रोड पेट्रोल पंप से केंद्रीय काष्ठागार वन डिपो तक एक किलोमीटर लंबा बायपास का निर्माण कृषि मंडी ने इसी संभावना के चलते कराया था। उस पर करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा खर्च किया जा चुका। लेकिन मरम्मत के अभाव में यह पूरी सड़क गड्ढों में बदल चुकी है। पुलिया में बारिश का पानी रहने से दो पहिया वाहन नहीं निकल पाते। सूखे दिनों में धूल के गुबार उड़ रहे हैं।
समय पर नहीं पहुंच पाते वाहन चालक
स्वरूप नगर में दस वेयर हाउस, दो हायर सेकेंड्री स्कूल, प्राथमिक माध्यमिक शाला, बीएड कालेज है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय काष्ठागार डिपो है। त्योंदा क्षेत्र के किसान इसी रास्ते कृषि मंडी अनाज बेचने आते हैं। मंडी के व्यापारी खरीदा गया अनाज वेयर हाउस तक फाटक से होकर ले जाते हैं। रहवासी, छात्र, कर्मचारी किसान फाटक बंद रहने से परेशान रहते हैं। समय पर बाजार, मंडी, अस्पताल, स्कूल, वेयर हाउस नहीं पहुंच पाते।
ट्रैफिक का दबाव बढ़ा
तीसरी लाइन शुरू होने से बीना भोपाल रेलवे सेक्शन में ट्रेनों का दबाव बढ़ गया है। एक बार रेलवे फाटक जब भी बंद होता है। आधा पौन घंटे में बमुश्किल पांच या दस मिनिट को खुल पाता है। कभी कभी तो लगातार ट्रेनों के आने से डेढ़ डेढ़ घंटे तक नहीं खुल पाता। गेट के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है। इससे ट्रैफिक पूरा नहीं निकल पाता गेेेट बंद हो जाता है। तीसरी लाइन के कारण फाटक की ओवर लॉक का दायरा बढ़ाने से समस्या ओर जटिल हो गई।