फसलों को पाले से बचाने हेतु किसानों को सामयिक सलाह

कृषि विभाग के द्वारा किसानो को फसलों में पाले से बचाव हेतु आवश्यक सलाह दी गई है विभाग के उप संचालक श्री अमर सिंह चौहान ने किसानो से आग्रह किया है कि अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए दी गई सलाह का उपयोग जरूर करें।
    सायंकाल आसमान साफ हो, हवा शांत हो एवं तापमान में कमी के साथ गलावट बढ़ रही हो तो तय मान लें कि उस रात पाला पड़ने वाला है। पाले के प्रति अति संवेदनशील फसल अरहर, मसूर, मटर, टमाटर, बैगन एवं आलू है। फसलो को पाले से बचाने हेतु सर्व प्रथम हल्की सिचाई करें तथा रात 10 बजे के पश्चात खेत के उत्तर एवं पश्चिम दिशा की मेडों पर धुँआ करें। जैविक नियंत्रण के लिए 500 मिली. ताजा गोमूत्र अथवा 500 मिली. गाय के दूध को प्रति पम्प (15 लीटर पानी) की दर से घोल बनाकर पाले से पूर्व फसल पर छिडकाव करे। स्थाई समाधान के लिए खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में वायुरोधक वृक्षों की बाड़ तैयार कर पाले के प्रभाव को कम किया जा सकता है।


संपादक: आदर्श तिवारी