कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने गुरूवार को ग्रीष्मकाल के दौरान खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित ना हो के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी पीएचई के द्वारा सूचनाएं प्राप्ति हेतु समूह बनाए जाएं जिसमें हर गांव का कम से कम एक व्यक्ति अनिवार्य हो। उन्होंने कंट्रोल रूम का जिला एवं खण्ड स्तर पर संचालन करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ऐसे जल स्त्रोत जिनमें 12 माह पानी की उपलब्धता रहती है का चिन्हांकन कर आवश्यकता पड़ने पर उसे अधिग्रहण किया जाए। उन्होंने ऐसे हेण्ड पंप स्त्रोत जिन पर किसी सम्पन्न व्यक्तियों का कब्जा हो तो अविलम्ब हटाने की कार्यवाही की जाए। ऐसे हेण्ड पंप जिनमें पाइप बढ़ाने की आवश्यकता है, सिंगल फेस मशीन रखने की आवश्यकता है तो उसका सर्वे कर अभी से पूर्ण कर मार्च के पहले पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। इस कार्य की मॉनिटरिंग के लिए नायब तहसीलदारों को अधिकृत किया गया है। इसी प्रकार बिगडे़ हेण्डपंपो की सूचनाएं प्राप्त कर पंजी में संधारित करने तथा मैकेनिकों को सुधार कार्य हेतु भेजने इत्यादि के प्रबंधों का अभिलेख तैयार किया जाए। ताकि यह पता चल सके कि बिगड़े हेण्ड पंप की सूचना प्राप्ति के बाद सुधार कार्य में कितने दिन, समय लगा है।
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी एसडीएमों को निर्देश दिए है कि पेयजल परिवहन की आवश्यकता परलिक्षित हो तो उसका प्लान अभी से तैयार किया जाए। उन्होंने टेंकरो के परिवहन हेतु गठित समिति, शासकीय एवं निजी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का प्लान क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन के द्वारा जिले में ग्रीष्मकाल के दौरान पेय जलापूर्ति के लिए किए गए प्रबंधो की बिन्दुवार जानकारी दी तथा जिले में क्रियान्वित होने वाले जल जीवन मिशन हर घर में जल पहुंचे की मंशा को रेखांकित करते हुए मिशन के तहत किए जाने वाले कार्यो से अवगत कराया है।
कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल के अलावा समस्त जनपदों के सीईओ तथा विदिशा एवं बासौदा एसडीएम एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
संपादक: आदर्श तिवारी