ग्रीष्मकाल में पेयजल आपूर्ति के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें -

आगामी ग्रीष्मकाल में जिले के किसी भी ग्राम एवं दूरस्थ मजरे टोले में पेयजल समस्या न हो को ध्यानगत रखते हुए प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने तैयारियों के परिपेक्ष्य में गत दिवस समीक्षा बैठक आहूत कर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को विगत वर्ष किए गए प्रबंधो की तर्ज पर इस वर्ष भी तैयारियों को मूर्तरूप देने के निर्देश दिए है।
    इस वर्ष पेयजल समस्या वाले ग्रामों का अभी से चिन्हांकन कर इन ग्रामों की वर्तमान पेयजल व्यवस्था, पेयजल समस्या उत्पन्न होने के कारण तथा पेयजल समस्या दूर करने हेतु ग्रामों में की जाने वाली कार्यवाही हेतु उठाये जाने वाले आवश्यक कदम संबंधी कार्ययोजना इन ग्रामों का आगामी 10 दिवस में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के मैदानी अमले द्वारा भ्रमण कर तैयार कर ली जायें।



    पेयजल समस्या वाले संभावित प्रत्येक ग्राम हेतु एक नोडल शासकीय सेवक नियुक्त करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिये गये है। नियुक्त नोडल शासकीय सेवक उनको आवंटित ग्रामों में पेयजल व्यवस्था शुद्व पर्याप्त एवं निरंतर बनाये रखने हेतु उत्तरदायी होगें।
    नोडल अधिकारी शासकीय सेवक ग्रामों में पानी की उपलब्धता के साथ साथ पानी की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु भी सम्यक कार्यवाही करेगें।
    कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये कि अनुविभागीय स्तर पर भी पेयजल व्यवस्था की निगरानी हेतु टास्क फोर्स कमेटी का गठन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में कार्यो का सम्पादन करेंगी। ग्रीष्मकाल में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था बनाये रखने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं राजस्व विभाग को समन्वय बनाकर कार्य करने की आवश्यकता पर कलेक्टर द्वारा जोर दिया गया।
    कलेक्टर श्री सिंह ने सख्त चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा कि ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुचारू रूप से बनाये रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है इस प्राथमिकता की पूर्ति करने में सभी शासकीय सेवकों द्वारा संवेदनशील होकर कार्य किए जाएं। उत्कृष्ट कार्य करने वालो को पुरस्कृत किया जाएगा। वही लापरवाही बरतने वालो के खिलाफ सख्त कडी कार्यवाही की जाएगी।
पेयजल व्यवस्था की निगरानी हेतु नियुक्त नोडल शासकीय सेवकों के होगें निम्न दायित्व :
    आवंटित ग्रामों (ग्रामों में स्थित समस्त मजरे/ टोले सहित) का भ्रमण का आगामी 10 दिवसों में कर इन ग्रामों/ मजरे/टोलों की वर्तमान पेयजल व्यवस्था, विगत ग्रीष्मकालों में उत्पन्न हुई पेयजल समस्या के कारण तथा समस्या के निराकरण हेतु की गई कार्यवाही, इस वर्ष पेयजल समस्या उत्पन्न के संभावित कारण तथा उनके निराकरण हेतु की जाने वाली कार्यवाही का विस्तृत प्रतिवदेन पांच मार्च 2020 के पूर्व तैयार करना।
    आवटित ग्रामों में स्थापित हेण्डपम्पों का भौतिक सत्यापन कर हेण्डपम्पों की सुचारू रूप से क्रियाशीलता सुनिश्चित करने हेतु हेण्डपम्पों में आवश्यक Preventive Maintenance का कार्य पांच मार्च के पूर्व कराना होगा।
    आवंटित ग्रामों में स्थापित सिंगल फेस मोटर पम्प की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही ग्राम पंचायत से समन्वय स्थापित कर सिंगल फेस मोटर पम्पों को दिनांक पांच मार्च के पूर्व चालू कराना।
    आवंटित ग्रामों में तथा ग्राम के बाहर खेतों में स्थित निजी पेयजल स्त्रोतों को चिन्हांकित कर उनकीं जानकारी एकत्रित कर पांच मार्च के पूर्व तैयार करना।
    आवंटित ग्रामों में यदि नलजल प्रदाय योजनाएँ संचालित है तो उनकी क्रियाशीलता सतत् सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक प्रस्ताव पांच मार्च के पूर्व तैयार करना।
    आंवटित ग्रामों के सरपंच/सचिव / ग्राम रोजगार सहायक / पटवारी / विभागीय हेण्डपम्प मेकेनिक से सतत् समन्वय स्थापित कर इन ग्रामों की पेयजल व्यवस्था की दैनिक मॉनीटरिंग की व्यवस्था 31 जुलाई तक की जाएगी।
    आंवटित ग्रामों की पेयजल व्यवस्था के संबंध में इस कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को नियमित जानकारी प्रस्तुत करना।
    आवंटित ग्रामों का 31 जुलाई तक  प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक दिवस भ्रमण करना।
    आंवटित ग्रामों के समस्त पेयजल स्त्रोतों का समय समय पर आवश्यकतानुसार क्लोरीनेशन का कार्य कराना।
    आंवटित ग्रामों की पेयजल व्यवस्था के संबंध में अन्य कोई जानकारी जो पेयजल व्यवस्था को सुदृढ बनाये रखने हेतु आवश्यक है उस जानकारी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को उपलब्ध कराना।
    आवंटित ग्रामों में यदि किसी सार्वजनिक पेयजल स्रोंत पर अतिक्रमण पर है तो उस अतिक्रमण को हटवाने की कार्यवाही राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर करना।  
      कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में 24 फरवरी को कलेक्टर द्वारा आगामी ग्रीष्मकाल की पेयजल व्यवस्था की तैयारियों की गई समीक्षा बैठक में  श्री एस.के.जैन कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यात्रिकीय विभाग अपने समस्त विभागीय अमले, के साथ, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा समस्या वाले संभावित ग्रामों की ग्राम पंचायतों के सचिव उपस्थित थे।


संपादक: आदर्श तिवारी