टोल फ्री नम्बर 104 पर सूचना दे सकते है |
नोबल कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आज जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जिपं सीईओ श्री अग्रवाल ने कहा कि कोई भी आवश्यकता पडे़ उसकी तैयारी पूर्व में सुव्यवस्थित तरीको से की जाए। उन्होंने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए प्रबंधो अनुसार कार्यवाही सम्पादित करने पर बल दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केसी अहिरवार ने जिले में किए गए प्रबंधो से अवगत कराया। सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे ने बताया कि श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय की चौथी मंजिल पर एक पृथक से वार्ड आरक्षित किया गया है। यदि कही जिले में कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित पाया जाता है तो उन ही को इस वार्ड में रखा जाएगा। चौथी मंजिल पर वार्ड बनाने के पीछे की मंशा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि चौथी मंजिल पर आमजनों का आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहता है। उन्होंने जिला चिकित्सालय में औषधियों के संबंध में किए गए प्रबंधो को भी रेखांकित किया। टोल फ्री नम्बर 104 पर सूचना दे सकते है
श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के डीन श्री सुनील नंदेश्वर ने चिकित्सा महाविद्यालय के माध्यम से मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं को रेखांकित किया। महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ संजय अग्रवाल के द्वारा इन्फेक्शन को रोकने के उपाय और तैयारियों पर प्रकाश डाला।
डिस्ट्रिक्ट टॉस्क फोर्स समिति की बैठक में नोडल अधिकारी डॉ शोएब खॉन ने कोरोना वायरस क्या है। वायरस के लक्षण, कैसे फैलता है, संक्रमण का उपचार, वायरस को फैलने से रोकने के उपाय, सुरक्षा, हाईरिस्क गु्रप के अंतर्गत शामिल बिन्दुओं लैंब जांच, केस डेफिनेशन, नियंत्रण व रोकने के उपाय, सावधानियां तथा जिले में की गई तैयारियों के संबंध में बिन्दुवार जानकारी दी।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के डीन श्री सुनील नंदेश्वर ने चिकित्सा महाविद्यालय के माध्यम से मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं को रेखांकित किया। महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ संजय अग्रवाल के द्वारा इन्फेक्शन को रोकने के उपाय और तैयारियों पर प्रकाश डाला।
डिस्ट्रिक्ट टॉस्क फोर्स समिति की बैठक में नोडल अधिकारी डॉ शोएब खॉन ने कोरोना वायरस क्या है। वायरस के लक्षण, कैसे फैलता है, संक्रमण का उपचार, वायरस को फैलने से रोकने के उपाय, सुरक्षा, हाईरिस्क गु्रप के अंतर्गत शामिल बिन्दुओं लैंब जांच, केस डेफिनेशन, नियंत्रण व रोकने के उपाय, सावधानियां तथा जिले में की गई तैयारियों के संबंध में बिन्दुवार जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि तदानुसार
कोरोना वायरस क्या है
कोरोना वायरस क्या है
वायरसों का एक बड़ा समूह है कोरोना जो जानवरों में आम है। अमेरिया के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एण्ड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। अब एक नया चीनी कोरोनो वायरस सार्स वायरस की तरह है जिसने सैकड़ो को संक्रमित किया है। हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पुन, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह सभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।
कोरोना वायरस के असर के लक्षण
कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और बुखार शामिल है। जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगो यानि जिनकी रोगो से लड़ने ताकत कम है। ऐसे लोगो के लिए घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार है।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है
कोरोना वायरस जानवरों के साथ मानव सम्पर्क से फैल सकता है। जब वायरस के मानव से मानव संचरण की बात आती है तो अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के सम्पर्क में आता है। वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखो को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
कोरोना वायरस के संक्रमण का उपचार
इसका कोई विशिष्ट उपचार नही है। ज्यादातर समय, लक्षण अपने आप ही चले जाएंगे। डॉक्टर दर्द या बुखार की दवा से लक्षणों में राहत दे सकते है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि खूब सारे तरल पदार्थ पिंए, आराम करें और जितना हो सकें सोएं। यदि लक्षण आम सर्दी से बदतर महसूस होते है, तो अपने डाक्टर को दिखाना चाहिए।
कोरोना वायरस के संक्रमण का उपचार
इसका कोई विशिष्ट उपचार नही है। ज्यादातर समय, लक्षण अपने आप ही चले जाएंगे। डॉक्टर दर्द या बुखार की दवा से लक्षणों में राहत दे सकते है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि खूब सारे तरल पदार्थ पिंए, आराम करें और जितना हो सकें सोएं। यदि लक्षण आम सर्दी से बदतर महसूस होते है, तो अपने डाक्टर को दिखाना चाहिए।
आप इसे कैसे रोक सकते है
कोरोना वायरस से बचने के लिए कम से कम अभी तक कोई टीका नहीं है। आम बीमार लोगो से दूरी रहकर संक्रमण के अपने जोखिम को कम कर सकते है। अपनी आंखो, नाक और मुंह को छूने से बचने की कोशिश करें। अपने हाथो को अक्सर साबुन और पानी से अच्छी तरह कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। यदि आप बीमार है, तो घर पर रहें और भीड़ से बचें व दूसरो से सम्पर्क न करें। जब आप खांसते या छींकते हैं, तो अपने मुंह और नाक को ढक लें और आपके द्वारा स्पर्श की जाने वाली वस्तुओं और सतहों को कीटाणुरहित कर दें।
हाई रिस्क ग्रुप
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगो यानि जिनकी रोगो से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगो के लिए यह घातक है। बुजुर्ग 65 वर्ष से अधिक और पांच वर्ष तक के बच्चे इसके आसान शिकार है। गर्भवती महिला, पुराने रोगो से पीड़ित व्यक्ति जो लंबे समय से कोई उपचार ले रहे है।
कोरोनो वायरस के लक्षण तथा केस डेफिनेशन
कोरोना वायरस के लक्षणों में तेज बुखार (>38ºC), खांसी, गले में खरास तथा सांस फूलना शामिल है। लक्षण प्रकट होने के पहले 14 दिन के भीतर चीन के हुबई राज्य के वुहान शहर की यात्रा की हो या कोई स्वास्थ्य कर्मी जो गंभीर श्वसन संक्रमण के मरीज के सम्पर्क में आया हो चाहे उसकी ट्रेवल हिस्ट्री न हो तथा मरीज जिसमें असामान्य एवं असंभावित लक्षण प्रकट हो रहे हो व सभी संभव इलाज के पश्चात्य भी हालत में सुधार न हो रहा हो
वह व्यक्ति जिसमें गंभीर श्वसन SARI तथा लक्षण प्रकट होने में 14 दिन के भीतर वह किसी nCov में कन्फर्म केस के सम्पर्क में आया हो, किसी nCov के प्रकरण को रिपोर्ट करने वाले अस्पताल गया हो या किसी nCov रिपोर्ट करने वाले देश से आए हुए जानवर के सीधे सम्पर्क में आया हो।
वह व्यक्ति जिसमें गंभीर श्वसन SARI तथा लक्षण प्रकट होने में 14 दिन के भीतर वह किसी nCov में कन्फर्म केस के सम्पर्क में आया हो, किसी nCov के प्रकरण को रिपोर्ट करने वाले अस्पताल गया हो या किसी nCov रिपोर्ट करने वाले देश से आए हुए जानवर के सीधे सम्पर्क में आया हो।
नियंत्रण व रोकने के उपाय
जल्दी रोग की पहचान व संक्रमण के स्त्रोत का नियंत्रण :- स्वास्थ्यकर्मी रोग की जानकारी रखे जिससे संभावित मरीज की पहचान जल्दी हो सकें। रोग के लक्षणों व रोकने के उपायो का प्रचार प्रसार करें। खासते, छीकते समय मुंह या रूमाल आदि लगाए या कोहनी से नाक मुंह को ढकें। संभावित मरीज को अन्य मरीजों से अलग ऑइसोलेशन वार्ड में रखें। संभावित मरीज को मास्क पहनने की सलाह दें। मरीज के सम्पर्क में आने से पहले व बाद में हाथ धोएं।
सावधानियां
बताई गई सामान्य सावधानियों के साथ-साथ संभावित मरीज में परिवार के सदस्यों, मिलने जुलने वाले लोगो तथा देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क पहने व बार-बार हाथ धोंवे। मरीज को अलग एक स्वच्छ हवादार आइसोलेट कमरे में रखें, यदि ये संभव न हो तो सभी संभावित एक ही प्रकार के लक्षणों वाले मरीजों को एक ही कमरे में रखें। दो मरीजों में पलंग के बीच की दूरी का अंतर कम से कम एक मीटर होना चाहिए। जहां तक संभव हो स्वास्थ्यकर्मियों का एक पृथक से समूह बनाकर उन्हीं से संभावित मरीजों की देखभाल करायें। साफ लम्बे बांह वाले गीले न होने वाले गाउन व दस्ताने का इस्तेमाल करें। हाथ को आंख, नाक व मुंह में न लगाएं। एक बार उपयोग में लाए जाने वाले डिस्पोजल उपकरणों का प्रयोग करें। जहां तक संभव हो (जैसे स्टेथोस्कोप, ब्लड प्रेशर नापने की मशीन, थर्मामीटर) एक ही या मरीजों के लिए उपयोग को या ethyl alcohol से साफ कर दूसरे मरीज के लिए उपयोग करें। मरीज को अनावश्यक घूमने फिरने न दें। पोर्टेबल एक्स-रे मशीन आदि प्रयोग करें। मरीज को ले जाने वाले स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट का इस्तेमाल करें। संभावित मरीज के आने वाले एरिया को नोटिफाई करे व इसमें आने वाले लोग सावधानी बरते। मरीज के सम्पर्क में आने वाली जगह को नियमित रूप से साफ करें। कम से कम स्वास्थ्यकर्मी व परिवार वालो को मरीज के कमरे में आने दें। कमरे में आने वाले कर्मचारियों व परिवार वालो का रिकार्ड सूची बद्व करें। मरीज के सम्पर्क में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों व परिवार वालो को ट्रेनिंग व स्वास्थ्य शिक्षा दी जायें।
तैयारियां
प्रभावित देशो से आने वाले यात्रियों के लिए ऑइसोलेशन वार्ड बनाए एवं यात्री को मास्क पहनाएं। प्रभावित देशो से आने वाले यात्रियों के सम्पर्क में आने वाले चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्यकर्मी, पीपीई किट एवं एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें। पीपीई, किट, एन-95 मास्क, वीटीएम एवं सेम्पल भेजने हेतु वैक्सीन केरियर की उपलब्धता सुनिश्चित करें। प्रभावित देशो से आने वाले यात्रियों के सम्पर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों की सूची बनाए एवं उन पर निगरानी रखें। प्रभावित देशो से आने वाले यात्रियों को लक्षण होने पर तत्काल सेम्पल लेने तथा भेजने की व्यवस्था करें।
संपादक: आदर्श तिवारी