संत शिरोमणी रविदास जी का जन्मोत्सव आज विदिशा जिले में भी बढ़े हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया।
संत शिरोमणी रविदास जी एवं भारत रत्न डॉ बीआर अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण उपरांत अहमदपुर चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि संत शिरोमणी रविदास जी के द्वारा जो मार्ग बतलाया गया है उसका अनुसरण कर हम सबको अनुपालन करना चाहिए। उन्होंने समाज के सभी वर्गो के विकास की उन्नति की राह दी है।
संत शिरामणी रविदास जी ने कहा कि आदमी जन्म से नही कर्म से महान बनता है। लगन, तपस्या और कठोर मेहनत से हम सामाजिक उत्थान को अग्रसर कर सकते है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि भारत रत्न भीमराव अम्बेड़कर ने प्रगति के लिए जो तीन मंत्र दिए थे उनमें से शिक्षित हो का दायित्व मेरे विभाग के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए नवाचारों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि समाज नशाविहिन बने यह हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि समाज एवं आने वाली पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले जिससे भारत में नाम रोशन हो और बच्चों के मां बाप अपने आप में गौरवान्वित हो यही प्रयास शिक्षा के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
संतो के बताए मार्गो का हम अनुसरण कर संविधान निर्माता डॉ भीमराव ने जो संवेधानिक अधिकार दिए है का सदुपयोग करते हुए विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने कानून के समक्ष सभी को एक समाज अधिकार देकर प्रजातंत्र की नींव रखी है।
कार्यक्रम को विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, पूर्व मंत्री श्री रघुवीर सिंह सूर्यवंशी ने भी सम्बोधित किया। स्कूल शिक्षा मंत्री के सुझाव पर नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही विदिशा शहर में शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में सहूलियत हो इसके लिए संत शिरामणी रविदास जी के नाम पर लायब्रेरी का संचालन किया जाएगा। उन्होंने पार्षदो के सुझाव शामिल कर निकाय की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने से अवगत कराया।
राष्ट्रीय सचिव अहिरवार समाज संघ श्री हनुमन्त सिंह बौद्व, प्रदेश अध्यक्ष श्री अमान सिंह नरवरिया, जिला अध्यक्ष संत शिरामणी रविदास समाज संघ श्री छोटे लाल संभरवाल, श्री भगवान दास जी अहिरवार, एसएटीआई के संचालक श्री जेएस चौहान एवं प्रोफेसर एसएस गोलिया, श्री नवनीत धाकड़, श्री राजू भारती के अलावा सामाजिक संगठन के अन्य पदाधिकारी व स्वजातीय बंधु, गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
संपादक: आदर्श तिवारी