आपदा प्रबंधन, पूर्व तैयारियों की बैठक सम्पन्न

 


               वर्षाकाल के दौरान जिले में किसी भी प्रकार की क्षति ना हो इसके लिए किए जाने वाले प्रबंधनों पर आज विचार विमर्श किया गया। कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में आहूत इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह, डिप्टी कलेक्टर द्वय श्री प्रवीण प्रजापति, श्री तन्मय वर्मा तथा समस्त एसडीएम, जनपदो के सीईओ, निकायो एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई इस बैठक में पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बाढ़ आपदा प्रबंधन पर आधारित महत्वपूर्ण जानकारियां एवं पूर्व तैयारियों और राहत बचाव के कार्यो को रेखांकित किया।


               कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि हर विभाग को अपनी-अपनी कार्ययोजना तैयार कर इसकी प्रति शीघ्र उपलब्ध कराए। जिसमें मुख्य रूप से नोड्ल अधिकारी एवं उसके सहायक का नाम एवं सम्पर्क नम्बर, बाढ़ आपदा प्रबंधन के संबंध में बचाव स्त्रोतों की जानकारी उल्लेखित हो।


               कलेक्टर ने कहा कि इसी प्रकार की बैठक समस्त एसडीएम अपने स्तर पर आहूत कर स्थानीय स्तर पर किए जाने वाली प्रबंधनों की सूची संधारित करें। इस दौरान बाढ़ के प्रकार, बाढ़ से खतरा, बाढ़ के प्रभाव, बाढ़ के दुष्परिणामों को बढाने वाले कारक तैयार योजना, पूर्व चेतावनी तंत्र, निर्धारित स्थलों की तैयारियां, बाढ़ के पहले की तैयारी, आपातकालीन वस्तुएं, बाढ़ के दौरान त्वरित किए जाने वाले कार्य, प्रभावितों को राहत शिविरों में ठहराने के प्रबंध, बाढ़ संबंधी चेतावनी देने, चेतावनी के उपरांत किए जाने वाले कार्य, पानी में डूबे व्यक्ति की सहायता, बाढ़ के बाद सामान्य जनजीवन के संबंध में विस्तृत पूर्वक तैयारियां की जाए। उन्होंने बताया कि प्रत्येक तहसील में विभाग के माध्यम से चार-चार गोताखोर, लाइफ जैकेट, नाव मुहैया कराई जाए।। उन्होंने स्थानीय स्थल के गोताखोरो की सूची तैयार कर एक प्रति होमगार्ड कार्यालय को उपलब्ध कराने का आग्रह किया।


               बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही, बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्यो की चेकलिस्ट भी सभी अधिकारियों को प्रदाय की गई।


               कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि जिले में जो भी जलाश्य, नदियां है जिनके माध्यम से वर्षारूपी जल बस्तियों, शहर में भरता है का चिन्हांकन पूर्व में किया जाए। इसके अलावा और नए क्षेत्रों में जलभराव की संभावना हो तो उसकी सूची तैयार की जाए।


               वर्षाकाल के दौरान स्थानीय एसडीएम, तहसीलदार सतर्क रहें और जिला कार्यालय, राज्य के बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम से सतत सम्पर्क बनाए रखें। बांधो का पानी छोड़ने से पूर्व संबंधित क्षेत्रों के रहवासियों को चेतावनी दी जाए। बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार से जनहानि ना हो के प्रबंध पूर्व में सुनिश्चित किए जाए। इसी प्रकार पशु हानि भी ना हो पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराए जाने पर उन्होंने बल दिया।


               कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि जिन विभागों की सड़कों पर पुल-पुलिया है कि सूची तैयार की जाए और बाढ़ से प्रभावित होने वाली पुल-पुलियों पर बेरीकेट् लगाने और चौकीदार तैनात करने की जबावदेंही संबंधित विभाग की होगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम का गठन किया जाता है ठीक वैसे ही तहसील स्तरों पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने तहसीलों पर स्थापित वर्षामापी यंत्रो की जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावितों को जिन राहत शिविरों में रखा जाएगा की सूची पूर्व में तैयार करने और राहत शिविरों में तमाम बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने भोपाल के जलाश्य, तालाबों से छोडा जाने वाला पानी जिले की नदियों के माध्यम से प्रवाहित होता है। इसलिए भोपाल के कंट्रोल रूम के नम्बरों से सतत सम्पर्क बनाए रखें। कि कब-कब पानी छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अफवाहों पर ध्यान ना दें। क्षेत्र के कोटवारों सहित अन्य शासकीय अमले को प्रशिक्षित किया जाए और उनके सम्पर्क नम्बरों की सूची तैयार की जाए।


टीम गठन


               आपदा प्रबंधन के तहत जिला मुख्यालय, तहसील, ग्राम पंचायत और ग्राम स्तर पर टीम गठित करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। प्रत्येक टीम में सदस्यों के अलावा स्थानीय गणमान्य नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।


राहत शिविर


               कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि बाढ़ आपदा के दौरान प्रभावितों को जिन स्थलों, स्कूलों में रूकवाने की व्यवस्था की जाती है वहां पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं पूर्व में ही ईजाद की जाए।


उपकरणों का परीक्षण


               कलेक्टर डॉ जैन ने डिस्ट्रिक्ट होमगार्ड कमाण्डेट को निर्देश दिए कि बाढ़ से बचाव के उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री की जांच पड़ताल पूर्व में कर ली जाए और आवश्यकतानुसार नई सामग्री क्रय करने की कार्यवाही की जाए।


               कंट्रोल रूम


               कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील मुख्यालयो पर बाढ नियंत्रण कक्ष शीघ्रतिशीघ्र गठित कर सम्पर्क नम्बरों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने पुल पुलियों पर बाढ के दौरान आवागमन ना हो के लिए बैरियर तैयार करने के निर्देश संबंधित सड़क विभागो के अधिकारियों को दिए है।