जैसे ही प्रशासन के संज्ञान में आया कि विदिशा जिले के रेल्वे स्टेशन पर दो श्रमिक एक्सप्रेस शुक्रवार आठ मई को आएंगी इन श्रमिक एक्सप्रेसो में प्रदेश के विभिन्न जिलो के लगभग ढाई हजार मजदूर विदिशा रेल्वे स्टेशन पर उतरेंगे। जिसमें बच्चे, महिलाएं, युवा, बुर्जुग होंगे को ध्यानगत रखते हुए कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा रणनीति तय की गई थी। जिसमें वालिंटियर्सो को मुख्य रूप से सोशल डिस्टेन्सिग का पालन कराना और संबंधित बस में मजदूर सुगमता से बैठ सके इत्यादि जबावदेंही सौपी गई थी।
केरल के कोझीकोड से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्र्रेस ट्रेन विदिशा रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर प्रातः आते ही वालिंटियर्सो के द्वारा अपने दायित्वों का सुव्यवस्थित तरीको से निर्वहन कर समर्पण, त्याग को प्रदर्शित किया है।
नोडल शासकीय महाविद्यालय विदिशा में अध्ययनरत स्वाति साहू ने तत्काल महिलाओें को इशारे से बताया कि आपको इस तरफ से चलना है और सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करना है। बेरिकेटस तक सोशल डिस्टेन्सिग में कही कमी दिखती थी तो अविलम्ब दौडकर निर्धारित दूरी के उपरांत ही दूसरे मजदूरो को आगे बढ़ने का इशारा करती थी। फिर अपने स्थल पर आकर पुनः खडी हो जाती थी। वालिटियर्स कुमारी स्वाति साहू जो विदिशा के रीठा फाटक क्षेत्र में निवासरत है उनका कहना है कि एनएसएस के माध्यम से हमें जो प्रेरणा मिली है वह हमें मददगार बनने की सीख देती है। शौर्यादल के रूप में वालिंटियर्स के दायित्व का निर्वहन करने वाली स्वाति साहू ने बताया कि कन्या महाविद्यालय में बीए फर्स्ट इयर की छात्रा हूं। प्रातः पांच बजे से हम सब वालिंटियर्स अपने-अपने चिन्हित स्थलों पर सेवाएं देने हेतु कृत संकल्पित हुए है। मजदूरी की वापसी की प्रसन्नता उनके चेहरे पर सबसे पहले हमने देखी है।
संपादक: आदर्श तिवारी